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अल्फाजों को बुनते हुए, अल्फाजों में उलझे कुछ यूं दिखाने है तुझे कुछ जज़्बात अल्फाजों में ना हो बयां जो बोलते लफ्ज़ ही है आईना मेरी शख्सियत के अक्स का देख ...