रुलाकर गए

1 भाग

234 बार पढा गया

7 पसंद किया गया

कल तक जो हँसने की वजह थे, वो रुलाकर गए दूर हो गए हमसे, हम रोते रहे वो मुस्कुराकर  गए मुझे नहीं पता की है, जाने कौन सी खता मैंने मिन्नते ...

×