1 भाग
780 बार पढा गया
9 पसंद किया गया
दर्पण :-एक स्त्री का ------------------------------● जाने कहाँ से यादों का मेला इंसान को उसकी तनहाइयों में भी अकेला नहीं छोड़ता. आज खिड़की खोल बैठी वो बाहर मेघों को आपस में बतियाते ...