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याद करो उन बीरौ को जिनने नाखूनौ से पर्वत उखाडा़ था। इतनी ऊँची चोटी पर भी चढ़कर अपनी तिरंगा गाढा़ था।। याद करो उन बीरौ को पर्वत पर अपनी जान गवायी ...