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मुझे नहीं आता था उनकी तरह, हिस्सों में मुकर जाना टुकड़े-टुकड़े कर दिए दिल के मेरे, टुकड़ों में सारी बात कर क्या गजब की अदा है, साबित खुद को बेकुसूर करने ...