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अफ़साने हमारे प्यार के गर किताबों में पढ़ाए जाएंगे फिर मजनुओं को इश्क के दाँव समझ आएँगे गर नही सीख लेंगे ये दाँव पेंच इश्क के नादान हैं फिर से जंग-ए-इश्क ...