चेहरा हमारा देख के अनजान हो गए

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जिनके लिए जहां में कुर्बान हो गए । चेहरा हमारा देखके अनजान हो गए। समझा था हमने जिन को, सामान ए जिंदगी। वे ही हमारे मौत के सामान हो गए। ऐ ...

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