कुंडलियाँ छंद-5

14 भाग

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बेटी घर का नूर है, ये धरती आकाश जिस घर पैदा हो सुता, वहाँ देव का वास।। वहाँ देव का वास, उसी घर उन्नति होती सुख, वैभव, उल्लास, वहीं खुशियाँ हैं ...

अध्याय

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