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कही हम बदल ना जाये गिरते-संभलते जैसे तैसे जीवन मे चलना सीखा था, खुदा ईश्वर बस नाम ही सुना ये कभी कहाँ दिखा था। बचपन से माँ की ममता देखते पले ...