1 भाग
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आज दास्ताँ-ए-हिज़्र हम तुम्हें सुना रहें है, ये दिन जुदाई के क्या रंग दिखा रहे है, हम उन्हें समझा रहे है, वो हमें समझा रहें है। आँसू भी आ रहे हैं ...