दिलों के जज़्बात

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शब्दों की माला में पिरो कर अपने   जज्बात  रखती  हूॅं दिल  में  ही  कैद  सही  पर अपने हर एहसास रखती हूॅं। सबसे    जान     है      और पहचान ‌    भी  तो   है  पर ...

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