1 भाग
241 बार पढा गया
9 पसंद किया गया
एक नदी हूॅ॑ मैं तड़प से भरी, बेपरवाह सी यूॅ॑ तुझमें उतर जाऊॅ॑गी, जमाना तलाशेगा जब वज़ूद मेरा, घुल कर तुझमें ना नज़र आऊॅ॑गी। हूॅ॑ मुख्तलिफ तेरे किरदार से, ये मालूम ...