मौसमी इश्क़

1 भाग

208 बार पढा गया

5 पसंद किया गया

दिल की कब्र से तेरी, यादें निकालूॅ॑ कैसे, सोचूॅ॑ जो जरा तुझको, हर दर्द सिसके ऐसे, दामन जो छोड़ा तूने, क़फ़न ही बन गया वो, फूलों की वादियाॅ॑ हैं, कब्रगाह बनी ...

×