1 भाग
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विषय:-- स्वैच्छिक तुम क्या मिले मित्र,मुझे,जैसे,भटकती आत्मा को ,सहारा मिला । तुम मिले,ऐसे,जैसे, दरिया में डूबते मानव को, आशा का किनारा मिला।। तुम मिले तो सपने लोगों के पूर्ण हुए , ...