गुस्ताख़ दिल

1 भाग

180 बार पढा गया

8 पसंद किया गया

ऐ मेरे "गुस्ताख दिल", तुझे ये हुआ क्या है? ये तो बता दे मर्ज़ की, तेरे दवा क्या है? मचलता है इस क़दर, इस आलम-ए-बेचैनी में। मिल जाए चैन तुझको, वो ...

×