210 भाग
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. देखि मातु आतुर उठि धाई। कहि मृदु बचन लिए उर लाई॥ गोद राखि कराव पय पाना। रघुपति चरित ललित कर गाना॥4॥ भावार्थ:-यह देखकर माता तुरंत उठ दौड़ीं और कोमल वचन ...