रामचरित मानस

210 भाग

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उत्तरकाण्ड हनुमान्‌जी के द्वारा भरतजी का प्रश्न और श्री रामजी का उपदेश  * सुनी चहहिं प्रभु मुख कै बानी। जो सुनि होइ सकल भ्रम हानी॥ अंतरजामी प्रभु सभ जाना। बूझत कहहु ...

अध्याय

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