रामचरित मानस

210 भाग

29 बार पढा गया

1 पसंद किया गया

रावण को मन्दोदरी का समझाना, रावण-प्रहस्त संवाद दोहा : * बाँध्यो बननिधि नीरनिधि जलधि सिंधु बारीस। सत्य तोयनिधि कंपति उदधि पयोधि नदीस॥5॥ भावार्थ:- वननिधि, नीरनिधि, जलधि, सिंधु, वारीश, तोयनिधि, कंपति, उदधि, ...

अध्याय

×