रामचरित मानस

210 भाग

30 बार पढा गया

1 पसंद किया गया

रावण को विभीषण का समझाना और विभीषण का अपमान दोहा : * सचिव बैद गुर तीनि जौं प्रिय बोलहिं भय आस राज धर्म तन तीनि कर होइ बेगिहीं नास॥37॥ भावार्थ:-मंत्री, वैद्य ...

अध्याय

×