रामचरित मानस

210 भाग

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हनुमान्‌-विभीषण संवाद दोहा : * रामायुध अंकित गृह सोभा बरनि न जाइ। नव तुलसिका बृंद तहँ देखि हरष कपिराई॥5॥ भावार्थ:-वह महल श्री रामजी के आयुध (धनुष-बाण) के चिह्नों से अंकित था, ...

अध्याय

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