रामचरित मानस

210 भाग

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किष्किन्धाकाण्ड वर्षा ऋतु वर्णन दोहा : * प्रथमहिं देवन्ह गिरि गुहा राखेउ रुचिर बनाइ। राम कृपानिधि कछु दिन बास करहिंगे आइ॥12॥ भावार्थ:-देवताओं ने पहले से ही उस पर्वत की एक गुफा ...

अध्याय

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