210 भाग
32 बार पढा गया
1 पसंद किया गया
किष्किन्धाकाण्ड वर्षा ऋतु वर्णन दोहा : * प्रथमहिं देवन्ह गिरि गुहा राखेउ रुचिर बनाइ। राम कृपानिधि कछु दिन बास करहिंगे आइ॥12॥ भावार्थ:-देवताओं ने पहले से ही उस पर्वत की एक गुफा ...