210 भाग
32 बार पढा गया
1 पसंद किया गया
किष्किन्धाकाण्ड सुग्रीव का वैराग्य * कह सुग्रीव सुनहु रघुबीरा। बालि महाबल अति रनधीरा॥ दुंदुभि अस्थि ताल देखराए। बिनु प्रयास रघुनाथ ढहाए॥6॥ भावार्थ:-सुग्रीव ने कहा- हे रघुवीर! सुनिए, बालि महान् बलवान् और ...