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विषय:--"महक" महक रही है चांदनी, निरख रहा है रंग ! पुलकित है मन की कली, पाकर तेरा संग ! महक मधुर मोहिता ,दीवाना सा प्यार ! आए जीवन रागिनी ,पा लेंगे ...