अनकहे जज्बात.-11

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शहर का ये मंजर अब आम सा है यहां दिखने वाली सूरत लगती अपनी है लेकिन सीरत गैरो सी नजर आती है।जैसे ये इशारा हो अपना वजूद खोती  इंसानियत का। अ ...

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