औकात

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विषय:-- स्वैच्छिक ये बहुत बड़े हैं,आने दो सानी में. फैले नागज,आज यहाँ रजधानी में. क्या औकात तुम्हारी,नीचे वालो, डूब मरो,जाओ,चुल्लू भर पानी में. ऊँचे वाला ऊँचा करम करेगा ही, इन्हें नमन ...

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