2 भाग
255 बार पढा गया
8 पसंद किया गया
ऐ जिंदगी तेरे साथ चलते चलते मै थक सी गई हूँ इस मतलबी दुनिया से पक सी गई हूँ स्वार्थ के है सारे रिश्ते नाते वरना यहां कोई किसी को न ...