ऐ जिंदगी

2 भाग

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ऐ जिंदगी तेरे साथ चलते चलते मै थक सी गई हूँ इस मतलबी दुनिया से पक सी गई हूँ स्वार्थ के है सारे रिश्ते नाते वरना यहां कोई किसी को न ...

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