आज़ादी

1 भाग

233 बार पढा गया

12 पसंद किया गया

जाने कितने घर उजड़े थे कितनो ने जान गंवाई थी  कितनी मुश्किल सह सह कर हमने ये आजादी पाई थी  काले मन के गोरों ने कैसी ये विप्पति ढाई थी  माँ ...

×