यह दिल बाबरा है

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घोखा तेरा मैं न अभी भूली थी  तेरे दिए हुए जख़्म अभी भरे भी ना थे कहती तू हूँ नफरत करती हूँ  पर ये तो झूठ है आज भी खुद  से ...

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