1 भाग
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विषय:-- स्वैच्छिक गीत कोई ऐसा गुनगुनाओ तुम,जो ह्रदय की धूल को बुहार दे। छंद कोई ऐसा फिर सुनाओ तुम,मंद-मंद जो पवन सा प्यार दे।। भोर की किरन,रुपहली शाम को, डस गई ...