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गज़ल बहुत तक़लीफ़ देता हूँ न मैं तुम्हें, मैं तेरे सारे गिले शिकवे मिटा जाऊँगा, हाँ मैं तुझसे बहुत दूर चला जाऊँगा। लोगों के सामने तो हँस दूंगा मैं, पर अपने ...