1 भाग
294 बार पढा गया
20 पसंद किया गया
विषय:-- स्वैच्छिक गाल फुला कर बैठी बुलबुल, चहक उठी तो गजल बनेगी! भूली-बिसरी हँसी अधर की, आंँख आज रे सजल बनेगी! सावन भादों के मौसम में, आए दिल के मीत यहां। ...