चाँद

1 भाग

205 बार पढा गया

9 पसंद किया गया

आज मेरा चाँद देखो कितना मगरूर था  चाँदनी के साथ खिला रोशनी से भरपूर था  आज मुद्दतों बाद नजर आई वो छत पर  बला की सी खूबसूरत पर मांग में सिंदूर ...

×