तुझे अंतरिक्ष में कहीं दूर ले जाऊँ

1 भाग

284 बार पढा गया

25 पसंद किया गया

तुझे अंतरिक्ष में कहीं दूर ले जाऊँ, हसीं तारों की तुझे  मैं सैर कराऊँ। कोई ढूंढ ना पाये....हम दोनों को, तुझे मैं.. अपनी पलकों में बसाऊँ। हर कोई चेहरे से..पहचान लेता ...

×