जैसी भी हो यारों ज़िंदगी मेरी है

1 भाग

261 बार पढा गया

29 पसंद किया गया

कभी खुशियों के कई सारे  मोती है, कभी आसुंओ की लंबी सी लड़ी है, जैसी भी हो यारों ज़िंदगी मेरी है। कभी ग़म दरवाजे पर दस्तक दे रहे, कभी खुशियाँ सारी ...

×