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मुक्तक-- चले आओ आहिस्ता आहिस्ता आहिस्ता! गीत गाओ आहिस्ता आहिस्ता आहिस्ता! जिन्दगी शान से कट जाएगी,ओ मेरे दोस्त, मन मिलाओ आहिस्ता आहिस्ता आहिस्ता! **महेंद्र भट्ट ( कवि ...