सत्य के प्रयोग--महात्मा गांधी

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बालासुंदरम् जैसी जिसकी भावना वैसी उसका फल , इस नियम को मैने अपने बारे मे अनेक बार घटते होते देखा हैं। जनता की अर्थात् गरीबो की सेवा करने की मेरी प्रबल ...

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