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पिता की मृत्यु और मेरी दोहरी शरम उस समय मैं सोलह वर्ष का था। हम ऊपर देख चुके हैं कि पिताजी भगन्दर की बीमारी से कारण बिल्कुल शय्यावश थे। उनकी सेवा ...