आशिक़

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वो बस कुफ्र था जमाने के लिए, मेरे लिए मेरी इबादत बन गया, राह-ए-इश्क़ में हो दर्द कितने भी, आशिक हूॅ॑, तो दर्द मेरी आदत बन गया। ...

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