अनुदान दिया है

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अनुदान दिया है..! मैं मधु से अनभिज्ञ आज भी, जीवन भर विषपान किया है ! फूलों से  है अनबन मेरी , शूलों ने सम्मान दिया है ! उलझी टेढ़ी पगडंडी रथ ...

अध्याय

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