1 भाग
335 बार पढा गया
33 पसंद किया गया
तेरी यादों में मैं डूबा, तेरी बातें सोच रहा हूँ।। चाँद खिलेगा कब आँगन में, ऐसे सपने देख रहा हूँ।। अपने अधरों के मधुबन से, कब मेरा सत्कार करोगे।। अब तो ...