जुदाई

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जब से उसने खो दिया है मुझे, चराग़ रहतें हैं आज कल बुझे। कहाँ कमी रह गई मेरे प्यार में, बता क्या कुछ नहीं दिया तुझे। ग़ैरों  की मुहब्बत का असर ...

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