आजाद परिंदों की विनती

1 भाग

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"अरे! चुन्नी- मुन्नी कहाॅं पर हो तुम? गला सूख रहा है, प्यास के कारण बोला भी नहीं जा रहा। क्या तुम्हें ऐसी जगह मिली जहाॅं पर पानी हो?" कहते हुए सोनी ...

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