1 भाग
264 बार पढा गया
22 पसंद किया गया
आ जाओ मेरे साजन, मुझे और न तड़पाओ सावन का महीना है, गोरे तन पे बरस जाओ।। अरमान मेरे प्यासे, मेरी प्यासी तमन्ना है होंठों को छुओ ऐसे, साँसों में समा ...