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आरु सोचती हुई बाहर आ रही थी। प्रीत चित्रांश के पास जाने के लिए अपने कमरे से निकला चलते हुए उसने देखा आरु धीरे धीरे चलती हुई बरामदे के बिल्कुल किनारे ...