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रचयिता-प्रियंका भूतड़ा शीर्षक-हे मनुष्य! जाग तू हे मनुष्य! जाग तू, अब हो गया है सवेरा। देख दुनिया का नजारा, हैं तपिश का उजाला। देख तू ! मन हो जाएगा बावरा, बना ...