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रचीयता-प्रियंका भूतड़ा शीर्षक- कलम की है जुबां कलम की है जुबां कलम सीना तान के खड़ा कर रहा है अब अपनी बयां पकड़ी जब यमराज ने कलम मृत्यु का लेखा लिख ...