बेताब

1 भाग

154 बार पढा गया

8 पसंद किया गया

सरगोशियाॅ॑ कर रहीं हैं ये हवाऍ॑, तेरे आने की आहट फिज़ाओं में है, बेताब है मेरा दिल ये इस क़दर, आज रंग भरे मेरी दुआओं में है। बेचैनियों के भरे आ़लम ...

×