हाँ कर या ना कर

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Poem- हाँ कर या ना कर वो खामोश थी मैं हँस रहा था। उलझने थी कि क्या उसे कहूँ वो चुप है मैं ही कुछ कहूँ,  एक खामोशी का जाल बिछाए ...

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