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कविता--प्रकृति की ममता तुम माँ हो ममता हो तुम्हीं सारा जहाँ हो तुम्हीं ज्ञान तुम्हीं कर्म तुमसे ही ये सारा संसार कण कण में जीने की प्रेरणा हर कदम कर्तव्य का ...