बेताबी

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खामोशियों को सुन रहा हूँ, आंखों ही आँखों मे बेचैनियों को भी चुन रहा हूँ, बातों ही बातों में उठ रही है उमंगें जाने, कैसी इस दिल में आज बेताबियों को ...

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